Friday, 16 October 2015

हमारे देश में मध्‍यम वर्ग के ऊपर ही सारा कुछ निर्भर करता है क्‍योकि हमारें देश की 55%  इस वर्ग के अन्‍दर आती है । लेकिन  हमारे देश का मध्‍यमवर्ग ना तो जागरूक होना चाहता है और नाही सोचना समझना  । सबसे ज्‍यादा नफरत आपसे में है तो मध्‍यम वर्ग में । मध्‍यम वर्ग में यदि पडोंसी कुछ काम करने की कोशिाश करता है तो दूसरा उसकी टॉग खीचता है । हमारें देश निम्‍नवर्ग के नाम पर हमारें नेता अपनी दुकानदारी चला रहे है ।हमारे देश में गरीबों के नाम पर इतनी योजनाए हमारें देश के नेताओ चलवा रखी है कि यदि उन  योजनाओं को आधा पैसा भी उन गरीबों को सीधा सीधा दे दिया जाय तो वे मध्‍यम वर्ग में आ जाऐगें और कोई गरीब नही रहेगा । लेकिन नेता उनतक कुछ नही पहॅुचने देते ।कहते वे ऊपर उठ गये तो हमारा क्‍या होगा । हम जो इनता दारू पिलाके खाना खिलाके पैसा देके चुनाव जीतकर आया  हूॅ वह कहॉ से आयेगा । इसलिए गरीबों को वही रहने दो और मध्‍यम वर्ग कों रगडते रहो । कोई भी नेता चाहे वह किसी भी पार्टी का हो और सरकार किसी की भी हो उसका कोई भी नही रूकेगा । और मध्‍यम वर्ग का होगा नही । उच्‍च वर्ग को किसी से काम करवाने की जरूरत नही है ।

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