श्रीमानजी केजरीअपने आप समझ रहे है कि भ्रष्टचार कम हो रहा है या तो केजरीजी जान बूझकर जनता को बेवकूफ बना रहे है या केजरीजी इसको समझना नही चाहते है । केजरीजी जहा चाहें वहा दिल्ली में भ्रष्टाचार देख सकते हैं । केजजीवालजी हा हल्ला करके भ्रष्टाचार के दाम आैर बढा दिये जहा काम 2000 हजार में होता था वहा पूरे 5000 में होता है लेकिन भ्रष्टाचार कम नही बल्कि दो गुना बढ गया है पहले जो काम बिना पैसे के हो जाते थे अब वे भी बिना पैसे के नही होते है । कर्मचारियों के मन से अब से पहले जो थोडी बहुत शर्म आैर डर बाकि था वह भी आपके नेताओ ने खत्म कर दिया है , अब तो सरे आम पैसे मांगते है । मेरे साथ ऐसी घटना हो चुकी है इसलिए ये सब लिख रहा हू । सबूत पेश कर सकता हू । लेकिन होगा क्या काम करने के आैर पैसे बढ जाएगें । ऐसे भाषण दे देने भर से भ्रष्टाचार नही मिट सकता ।
केजरीवालजी के सीताहरण के मोैके पर कहे गयें शब्दो ''समाज को मिलकर आजके रावण को मार देना चाहिए'' पर मेरी प्रतिक्रिया:-
नेता ही नही चाहते आज के रावण को मारना वरना आज के रावण की मजाल जो ऐसा कुछ करदे । आज के रावण नेताओ के पाले हुए ज्यादा है । किसी भी आज के रावण को जब पुलिस द्वारा पकडा जाता है तो वह किसी ना किसी नेता का रिस्तेदार अवश्य निकलेगा । आैर िफर वही नेता जो बडे बडे भाषण झाडतें है उसे बचाने की मुहिम में लग जाते है आैर सारें नेता छोटी छोटी बातों को बडी बडी बनाकर गन्दी से गन्दी राजनीति करने लगते हैं तो बताओं समाज कैसे मिलकर आज के रावण को मारने में सक्ष्म होगा? नेता नही चाहते नारी का सम्मान हो वरना किस की मजाल जो नारी की तरफ आॅख भी उठा सके । आप भी ये राजनीति करने के लिए कह रहे हो ,आपका मकसद सिर्फ महिलाओं के प्रति सहानुभूति बटोरना है ना कि उनका सम्मान करना । आपकी सरकार है आैर बसों में महिलाओं के सीट मांगने पर कहा जाता है जहा महिला लिखा है वही बैठ जाओं । बेचारी महिला लाचार होकर खडी रहती है कुछ बोलती नही है आैर कोइ पुरूष कुछ नही कहता है । क्या इसे ही सम्मान कहोगें ? नही तो आदेश होना चाहिए महिला सीट है तो कोइ नही बैठेगा चाहे वह खाली रहे । ये हेागा महिला का सम्मान । क्या है केजारीवालजी में ऐसा सम्मान दिलाने की हिम्मत ? निकलवा सकते है ऐसा आदेश ? पहले लोक पाल के पीछे पडे थे बहुमत नही था तो इस्तीफा देकर भाग गयें अब वह लोकपाल एक साल से याद नही है । अब पुलिस के पीछे पडे है कि पुलिस मेरे अण्डर होनी चाहिए । आपकों सिर्फ बहाने बनाना आता है आैर कुछ नही ।आपने हमेशा काम से भागना ही सीखा है ।पहले नाैकारी से भागे िफर अन्ना के समूह से िफर सी एम पद से । अब यहा िफर से भागने का माैका तलाश कर रहे हो क्या ? बदलााव के लिए हमने अपना काम छोड छोड कर आपके लिए लोगो को समझाया कि हमने दोनो पार्टी कांग्रेस व बीजेपी को देख लिया है नया बदलाव होना चाहिए लोगो ने किया, लोग मान गये आैर आज वही लोग मुझे कहते हैये था वों बदलाव जो दिल्ली को िफर से स्लम बनाने व अपना वोट बैंक बढाने के लिए किया जा रहा है ? क्या जवाब दे उनको ?
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