Wednesday 18 November 2015

दिल्‍ली में केन्‍द्रीय कर्मचारियों, दिल्‍ली सरकार, एवं प्राइवेट सेक्‍टरों के मुख्‍य कार्यालय जहॉ है उसे सी0 जी0 ओ0 कम्‍पलेक्‍स के नाम से जाना जाता है जिसमें 14 ब्‍लाक  है और प्रत्‍येक ब्‍लाक में किसी न किसी संगठन के मुख्‍य कार्यालय है जिनमें नौकरी करने वाले सरकारी व गैर सरकारी कर्मचारियों की संख्‍या 20,000 से ऊपर है, इसी के साथ लगे हुए दूसरे कुछ अन्‍य संगठनों के 7 से 8 मुख्‍य कार्यालय है जिनमें 12000 से ऊपर सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारी  नौकरी करते हैं इसी के साथ में दिल्‍ली विश्‍वविद्धालय का एक का‍लिज भी है । इन सब कार्यालयों में से लगभग 18000 व्‍यक्ति प्रत्‍येक दिन सी0जी0ओ0 कम्‍पलेक्‍स से दिल्‍ली सरकार की डी टी सी बसों में दिल्‍ली के विभिन्‍न हिस्‍सों से अपने कार्यालय आने जाने हेतु मुश्किल से भरा सफर करते है । लेकिन आश्‍चर्य देखिए दिल्‍ली सरकार व डीटीसी का इस पूरे क्षेत्र में डीटीसी ने एक भी बस स्‍टेण्‍ड बनवाना उचित नही समझा, जहा आदमी बैठ सके या धूप बरसात से बच सके, ऐसा क्‍यों ? यहा से जब इतना यात्री डीटीसी को मिलता है तो यहा एक पास बनवाने का कार्यालय भी बनवाना चाहिए था या नही ? लेकिन नही बनवाया । एक तरफ तो डीटीसी हर साल घाटा दर्शाती है और दूसरी तरफ जहा से फायदा होता है वहा सुविधाए नही दे सकती, समुचित मात्रा में बसे नही चला सकती । इस परिक्षेत्र से सबसे ज्‍यादा यमुना पार से लोग आते जाते है लेकिन यहा से यमुना पार के लिए एक भी डीटीसी की बस उपलब्‍ध नही है । सरकार के कुछ लोगों ने सिर्फ अपने थोडे से फायदे के लिए ही यहा से बसे चलवाने में कोताही बरती है  जिससे यहा प्राइवेट बसे लगी है जो इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं । लेकिन पिस वे लोग रहे है जो डीटीसी का पास बनवातें है । डीटीसी बसों के परिचालक से डिपों मैनेजर केश का हिसाब तो मॉगता है वो कितने यात्रियों ने बस में सफर किया ये  क्‍योे नही पूछता ? क्‍योंकि रोज आने जाने वाले 90 % से ज्‍यादा यात्री पास बनवाते है और डीटीसी को अग्रिम पैसा देते है फिर भी डीटीसी ऐसे पास धारियों को समुचित मात्रा में बसे नही देती क्‍यों ? सीजीओ कम्‍पलेक्‍स डीटीसी का पास सेक्‍शन होनी ही चाहिए । और यमुना पार के लिए समुचित बसे लगनी चाहिए । शाम को नेहरू पैलेस से (वाया भैरो सिंह मार्ग,) डीटीसी की एक बस सीजीओ होकर जाती थी जिसमे सीजीओ से 30 से 40 सवारी जाती थी लेकिन चार्टड वालों ने डिपो मैनेजर से साॅठ गाॅठ करके उसे वाया आईटीओ करवा दिया जिससे वह बस खाली जाती है । कन्डक्‍टर को सख्‍त हिदायत होनी चाहिए कि वो अपने मेमों में यात्रा करने वालें कुल यात्री भी लिखवायें । कितने पास वालें चले । कितना स्‍टाफ चला । और अन्‍य । 

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