Thursday 26 November 2015

आज की स्‍थिति जागो जागो जनता

असहिष्‍णुता के नाम पर देश में अराजकता फैलाई जा रही है और कांग्रेस अपने मकसद में कामयाब हो रही है । कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो सत्‍ता को हथियाने के लिए कुछ भी कर सकती है ये तो कांग्रेस के खून में है, इसके इतने उदाहरण इतिहास में है कि इतिहास में दूसरा कुछ है ही नही । यदि जनता थोडा सा भी सोचे कि क्‍यों हमारें एक देश के तीन देश बनें और वो भी लाखों लोगों की लाशों पर ? जब कांग्रेस का दिल लाखों लोगों की हत्‍याओं पर नही पसीजा, 1984 में लगभग 4700 सिक्‍खों के मारें जाने पर नही पसीजा, कार सेवकों की हत्‍याओं पर नही पसीजा, कश्‍मीरी पण्डितों को घर से बेघर कर दिया गया मारा गय  जब नही पसीजा, गोदरा काण्‍ड पर नही पसीजा, अभी हाल में 60 आदमी मुजफफरनगर दंगें में मारे गये तब नही पसीजा, उसमें तों कांग्रेस  सरकार के मुताबिक सबसें ज्‍यादा नुकसान उन्‍होने मुसलमानों का ही बताया था और 42 हत्‍यायें मुसलमानों की ही बतायी गयी थी तब नही पसीजा, क्‍यों ?  तब क्‍यों ये शब्‍द नही उभरा कि भारत में असहिष्‍णुता फैल गयी है ? मेरे देश की जनता इसे समझे,  क्‍योकि इन दिनों केन्‍द्र में कांग्रेस की सरकारें थी इसलियें इस शब्‍द का उदय नही हुआ, और अब केन्‍द्र में सरकार बीजेपी की है  जिसें कांग्रेस सहन नही कर पा रही है, जिसके चलतें सिर्फ एक हादसें को लेकर इतना बडा प्रोपगण्‍डा खडा कर दिया जिसमें सिर्फ एक इंसान की जान गयी । वह हादसा उत्‍तर प्रदेश में हुआ है क्‍या वहा की सरकार की उस हादसें के प्रति कोई जिम्‍मेदारी नही है? वहा की कानून व्‍यवस्‍था की जिम्‍मेदारी किसकी है ? और अब उसी उत्‍तर प्रदेश सरकार के दोगले नेता दूसरों पर उॅगली उठा रहें हैं । दूसरी तरफ कांग्रेस के चाटुकार लेखकों/फिल्‍मकारों/इतिहाकारों/साहित्‍यकारों आदि इस शब्‍द असहिष्‍णुता का उदय करके, उनकों कांग्रेस सरकार द्वारा दिये गयें पदकों को वापिस करकें कांग्रेस को समर्थन कर देश की जनता को गुमराह कर रहें है । पदक वापस करने वालों में ज्‍यादा से ज्‍यादा कांग्रेसी नेताओं के चाटुकार और रिश्‍तेदार हैं ।


 अभी आमिर खान नें अपने साक्षात्‍कार में कहा था कि 6 महीने से देश में असहिष्‍णुता फैली है, ये सब बातें देखतें हुए सही लगा रहा है कि असहिष्‍णुता  फैल रही है वह केवल कांग्रेस  के अनुयाईयों में । सच में वे सहिष्‍णु नही हो पा रहें है । कांग्रेस को लगने लगा है कि उनका खेल खत्‍म । इसीलिए तो राहुल बच्‍चों से ईष्‍यालुता से भरें सवाल पूछतें है । कांग्रेस ने जिस जिस पार्टी के खिलाफ चुनाव लडा है  उन्‍ही के साथ मिलकर अपना जनाधार पानें की गंदी से गंदी चालें चल रही है । क्‍या इन सब क्रिया कलापों को देखकर नही लगता कि कांग्रेस के नेता कुछ भी कर सकतें हैं , करा सकते है । दिल्‍ली में जब लगा कि कांग्रेस हार जाएगी तों बीजेपी कों हरानें के  लिए अंतिम क्षणों में आप पार्टी कों अपनी वोटे डलवाकर समर्थन करना क्‍या जनता के प्रति गददारी नही है ।  इसका निष्‍कर्ष यही निकलता है कि कांग्रेस के सारें लोंग असहिष्‍णु है एवं सबकों  अपनें चमचों के माध्‍यम सें असहिष्‍णु बनाना चाहतें है और वे इस  सरकार को भी  ऐसे ही मुददों में उलझायें रखना चाहती है जिससें जनता में गलत संदेश जायें और कोई काम न कर पायें । इन सब कारनामों में कांग्रेस का साथ वें कुछ सरकारी अधिकारी गण भी दे रहें जिन्‍होने कांग्रेस सरकार के अधिन काम किया है ।  कांग्रेसी नेता कितनें ईष्‍यालु और स्‍वालम्‍भी है कि वर्तमान सरकार कों काम नही करनें देने के लिए ऐसी घिनौनी हरकतें कर रहे है ?  जागो जनता जागों और अपने विवेक से काम करों .......

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