Wednesday, 2 December 2015

लोकपाल बिल

जिन मुददो पर आपकी ही पार्टी से निकाले गये नेतागण विरोध कर रहे थें उन्‍ही बिन्‍दुओं पर अन्‍ना जी ने भी विरोध दर्ज कराया है । यदि आप उन्‍हे दूर करके ले जाते तो आप जो दिमागी खेल अन्‍ना जी के कन्‍ध्‍ेा पर बन्‍दूक रखकर खेल रहे है वह न खेल पाते । अब आपने जनता की भी सहानुभूति बटोरने की पूरी पूरी कोशिश की है । जिससे जनता को लगे कि आप लोकपाल को ला रही है लेकिन उसमें ऐसे अडगें लगायेगी जो जनता को महसूस न हो । जैसे लोकपाल को प्रस्‍तुत करने की प्रक्रिया । आप लोकपाल भले ही ठीक बना हो लेकिन आप सही प्रक्रिया का पालन नही करेगी और उसे करीब दो से तीन साल तक लटकाये रखेंगी फिर जनता को उकसायेगी कि हमने तो कर दिया था केन्‍द्र सरकार ने नही किया । ये सब बाते मुझे भी उन्‍ही के कार्यकर्ताओं से पता चली है ।




पहले यही केजरी वालजी  विज्ञापनों के विरोध में सरकारों के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते रहे है और आज उन्‍होने हर चीज का विज्ञापन देकर आज तक की सभी सरकारों के सारें रिकार्ड तोडकर इतिहास रच दिया है । हर चीज पर जनता को बहकाने के लिए विज्ञापनों तक सीमित कर दिया है । दिल्‍ली की प्रत्‍येंक सडक पर दिल्‍ली सरकार के अनगिनत विज्ञापन देखने को मिल रहे है । यदि दिल्‍ली सरकार कोई काम करती तो उसे विज्ञापन देने की जरूरत ही नही पडती । विज्ञापन देकर यही महसूस होता है कि ये कोई फिल्‍म तो नही चल रही है ।  जितना पैसा दिल्‍ली सरकार विज्ञापनों पर खर्च कर रही है उतने में तो हर महीनें चार अस्‍पताल और चार स्‍कूल खोले जा सकते है ।  जागों जनता जागों............



जो सी एम सरकारी जमीन पर एव सर्विस रोड पर अपने कार्यकर्ताओं के झुग्‍गी के नाम पर दो मजिले मकान बनवा सकता है वह इमानदारी का ढोंग कैसे पीट सकता है इसका उदाहरण दिल्‍ली में हर जगह मिल रहा है । डीटीसी की बसें सुबह शाम कम करके आटो वालों को जनता को लूटने का पूरा समर्थन करने वाला सीएम इमानदार कैसे हो सकता है फुटपाथों पर अपनें कार्यकताओा की दुकाने सजवाकर आम जनता कों परेंशान करने वाला सीएम कैसे इमानदार हो सकता है । आज दिल्‍ली की जनता पहले आई सरकारों से भी ज्‍यादा तंग हो चुकी है । उदाहरण ---दिल्‍ली की किसी भी सडक पर देश सकते है । आप खुद इमान दार नही है तो दूसरों को क्‍या करेेगें.......... जागों जनता जागों ........

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