मैने दो दिन दिल्ली की सभी सडको का अध्ययन किया तो पाया कि जाम के कारण बहुत सारें है । दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित
आड और इवन गाडी तीन तीन दिन चलाने की योजना केवल गाडियों की बिक्री बढानें और गाडी
कम्पनियों से कमीशन बटोरनें की लग रही है । क्योंकि जिसके कारण दिल्ली में जाम
लगकर प्रदूषण में भारी मात्रा में बढोतरी हो रही है उसकी तरफ तो सरकार देख ही नही
रही है । दिल्ली में हर तरफ 100 फुट से 200 फुट तक की सडकें है,
लेकिन फिर भी जाम क्यों ♠? ये सब इन्ही नेताओं की देन है । क्योकि जनता ने,
इन्हे नौकरशाह, अपना काम ठीक ढंग से करें, इसलिए चुना है नाकि उन्ही नौकरशाहों के
साथ मिलकर जनता को लूटने के लिए । दिल्ली की सडकें इतनी चौडी होने के बावजूद जाम
लगनें के बहुत ही कारण है जिनकों कोई भी सरकार अपनें वोट बैंक के चलतें रोक नही
पाई थी । केजरीवालजी में थोडा जनता को दम दिखा था
तो जो केजरी जी ने जनता से मांगा जनता ने दिया, लेकिन वह भी अब ये सच्चा
काम करने में डर रहा है क्या सिर्फ कुर्सी के लिए ? दिल्ली की सडकों पर 8 फीट
तक दुकानवालों का कब्जा,
उसके बाद सामान खरीदनें आयें गाडी वालों की पार्किग, उसके बाद रेहडी वालों की
रेहडी सडक के बीच में, उसके बाद आटों वालें सवारी सडक के बीच में आटो
रोकर उतारना और चढाना करते है सडके गाडी चलने के लिए जब छोडा ही नही तों जाम तों
लगेगा ही । आड और इवन नम्बर की गाडी का नियम लगाने पर क्या वे गाडी उडकर जाऐगी ?
आज सच बोलने वालें केवल 5 % है जिन्हे लोग बेवकूफ की श्रेणी में रखते है और केवल 5
% ही लोग 80 % लोगों का दबाके शोषण करतें है । आज यदि दिल्ली को जाम से और
प्रदूषण से मुक्त करना है तो कडाई से जगमोहनजी जैसें फैसलें लेने की जरूरत है
नाकि परेशान जनता को और ज्यादा परेशान करने की । आप पर जनता का विश्वास है उसे ऐसे ओछे फैसलों से कम मत होने दों,
जनता सब समझ रही है । क्योकि ये नियम लागू होते ही गाडी खरीदनें वालों की बाढ सी
आ जाएगी और हर प्रकार के वाहन दो दो हो जाएंगें । दिल्ली में यदि अवैध कब्जे हटाकर
हाई कैपेसीटी सार्वजनिक वाहन सूचारू रूप से चलाये जाये तो ही दिल्ली का जाम और प्रदूषण
दोनो से दिल्ली की जनता को निजाद मिल सकती है । इसके अलावा और कोई रास्ता है नही । यदि इसके अलावा कोई भी रास्ता अपनाया
जाता है तो वो सिर्फ नेताओं के फायदें के लिए होगा आम जनता के लिए नही । दूसरा एक तरीका और है :- दिल्ली में नौकाशाहो की तीन श्रेणी है 1 केन्द्रीय कर्मचारी, दिल्ली सरकार के कर्मचारी और प्राइवेट संगठनों के कर्मचारी । अब सभी की डयूटी लगभग सुबह 0900 बजे से 1000 बजे के बीज शुरू होती है तो सभी कर्मचारियों का घर से निकलना एक साथ होता है जिससें सडक पर ज्यादा भीड होती है । यदि इन तीनों श्रेणियों की डयूटी का अन्तर 2 घन्टे कर दिया जाय तों घर से निकलने का समय एक साथ न होकर आगे पीछे होगा तो सडक पर ज्यादा लोग एक साथ नही होगे तो जाम नही लगेगा और समय बचेगा और प्रदूषण भ्ाी नही होगा । जैसे माना सुबह 8000 बजे से शाम 1600 बजे तक केन्द्रीय कर्मचारी 1000 से 1800 बजे तक दिल्ली सरकार के कर्मचारी और 1200 से 2000 बजे तक प्राइवेट संगठन के कर्मचारी । इससे अच्छा कोई प्लान नही हो सकता जाम और प्रदूषण्ा रोकने का । जागों जनता जागों ...................
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