Tuesday, 22 December 2015

नेताओं की सच्‍चाई

अभी सारा देश निर्भया काण्‍ड के आरोपी के छूटने पर शोक मना रहा है कोई मोमबत्‍ती जला कर  कोई धरना रखकर और सारी पार्टियों के नेता  भी उनके साथ बढ चढकर हिस्‍सा ले रहे है और उसके छूटने का सारा दोष एक दूसरें पर डाल रहे है लेकिन क्‍या इस देश की जनता कभी समझ पायेगी कि उसके छूटने का असली दोषी कौन है ? ये केश 2012 मे हुआ था उस समय भी यही नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे थें और कुछ दिन बाद मामला बन्‍द । सब भूल गयें कि क्‍या हुआ था? क्‍यों हुआ था? और आगें क्‍या करना चाहिए? उस समय तों सभी पार्टियों के नेताओं ने  लम्‍बे  लम्‍बें वादें किये जनता शान्‍त हुई और सारे वादे भी शान्‍त हो गयें । अब उसके छूटनें पर फिर वही हंगामा आरोप एक दूसरे पर । इन तीन सालों में यदि इन नेताओं को कुछ करना होता तो कर सकते थें क्‍योंकि नेताओं में से वह किसी बहन या बेटी नही थी और ना ही उसके लिए कुछ करने से कुछ वोट बैंक घटने बढने वाला था । जिससे बढनें वाला था वह एस सी एस टी बिल सबने मिलकर पास  करवा दिया  कोई उस पर बोला तक नही । क्‍यों वहा पार्टियों को उनकी वोट की जरूरत है । बोलते तो वोट कट जाती।  क्‍या इसी तरह नाबालिग से सम्‍बन्धित बिल पास नही हो सकता था इन तीन सालों में संसद के कितनें सत्र चले गयें लेकिन नेताओं कों इससें कोई मतलब नही था । महिला आयोग की अध्‍यक्ष को भी आरोपी मुहम्‍मद अफरोज के छूटनें के चन्‍द घन्‍टै पहले ही महसूस हुआ कि इस पर याचिका देकर लोगों की सहानुभूति बटोरी जा सकती है तो उन्‍होने दो घन्‍टे पहले याचिका दायर की । क्‍या ये याचिका एक हफते  पहले नही दी जा सकती थी ? ये नेता वही काम करते है जिससे इन्‍हे व इनकी पार्टी को फायदा होता हो ।  जब निर्भय काण्‍ड का सबसे जलील हरकतें करने वाला आरोपी मुहम्‍मद अफरोज छूटा तब सबकों एक दूसरें पर आरोप लगानें के सिवा और कुछ दिखाई नही दिया । इन्‍ही नेताओं के कारण देश में अपराधी के चेहरे को ढककर उसें सुरक्षा दी जाती है और जो उस अपराधी का गवाह होगा उसे अपनी टीआरपी के लिए मीडिया बार बार दिखाएगा उसे कोई सुरक्षा नही दी जाती है क्‍यों ? इन्‍ही चीजों का फायदा उठाकर या तो गवाह उनके अनुसार गवाही दें नही तो उसे मार दिया जाता है, पिछले एक साल में लगभग 100 गवाहों को सरें आम मार दिया गया है लेकिन उन पर कोई ध्‍यान नही है, ध्‍यान है तो बस अपराधी को कैसे बचाया जाय । कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने ब्‍यान दिया था कि जवान लडकों से ऐसी गलती  हो ही जाती है तो क्‍या यही गलती जवान लडके मुलायम सिहं की लडकी या उनके बेटे की बहू के साथ करते तो तब भी ये ब्‍यान दे देते ? राम जेठमलानी जैसे वकील  वकालत कों सिैर्फ पैसा कमानें का जरिया समझतें उसकी खामियों का फायदा उठाकर अपराधी बचाकर न्‍याय को मारना है उसके लिए चाहे उन्‍हे कुछ भी करना पडें उनका काम है अपराधी को बचाना जबकि वकील का काम होना चाहिए न्‍याय को बचाना । सच का तो उनके जीवन में काम ही नही है यदि भगवान है तो ऐसे आदमी के कीडे पडने चाहिए, नही तो ऐसे वकीलों को न्‍याय का साथ ही देना चाहिए पैसे के लिए कसाब का नही जिसे पूरी दुनिया ने गोली चलाते देखा था !  यदि नारी शक्ति एक जुट हो जाय तो ये नेता या अभिनेता नारी का शोषण नही कर सकेंगें । नारी का शोषण करवानें वाली  भी नारी ही है, जो अपने अपराधी बेटै को सीने से लगा लेती है वरना पुरूष समाज की इतनी हिम्‍मत कभी न होती कि जिसे नारी अपने शरीर में से पैदा करती है वही उसका शोषण करें । जागों मेरी माता बहनों जागों और इन अपराधियों को सबक सिखाओं ...............................

No comments:

Post a Comment