मेरे देश के पुरस्कार लौटाने वालों
चाटुकार/दरबारी लेखक/साहित्यकार/इतिहासकार/फिल्मकार क्या इसे देश की जनता को
जिसने आपकों फर्श से अर्श तक पहुचॉया है
यह बताने की महान कृपा करेगें कि आज विश्व को ऐसा कौनसा देश है जहा असहिष्णुता नही है? इसका
जवाब किसी भी ऐसे व्यक्ति के पास हो ही नही सकता जो सिर्फ दूसरों के रहम और करम
पर जिन्दा है । क्योकि जिसके कहने पर चाटुकार/दरबारी व्यक्तियों ने पुरस्कार
लौटायें है उन लोगों का मानसिक सन्तुलन इतना बिगड चुका है कि वे सत्ता के लिए
कुछ भी कर सकते है और कर रहे है जिसके जगह जगह साफ उदाहरण देखें जा सकते है । आज
देश में चारों तरफ शान्ति का माहौल बनता जा रहा है लेकिन ये उन लोगों को चुभनें
लगा है । देश में कोई ऐसा काम न हो जाय जिससे देश की जनता को कोई फायदा हो जाय ।
सारी पार्टियों के नेता एक होकर कोई भी नया काम नही होने देना चाहतें । आज देश के
केवल 5% लोग 80% लोगों का पूर्ण शोषण कर रहे है ।
सारें नेता एक दूसरें की टॉग खीचने में लगें है । क्या ये सारें नेता जितनी ताकत
एक दूसरें की टॉग खीचने में और जनता को बेवकूफ बनानें में लगा रहे है उसका आधा भी
देश के लिए लगानें की कसम खा सकतें है ? किसी भी नेता को जनता की कोई चिन्ता नही
है । चिन्ता है सिर्फ अपने परिवार की । देश में किसी भी नेता का बेटा देश के लिए
शहीद हुआ है ? या ऐसे किसी आदमी को जनता ने नेता बनाया जिसका बेटा देश के लिए शहीद
हुआ है । हम जनता ने अपना दिमाग में शायद ये बैठा लिया है कि जो नेता है उनके परिवार
मे या रिश्तेदार ही नेता बन सकते है, आज इसके उदाहरण ही उदाहरण
है जैसे मुलायम परिवार, उसके परिवार में पैदा होने वाला बच्चा भी किसी
ना किसी संगठन का अध्यक्ष पैदा होता है, लालू का परिवार, गॉधी परिवार, चौटाला परिवार, हुडडा परिवार, अब्दुल्ला परिवार, सिधिया परिवार, आदि आदि । ऐसा हम क्यों होने दे रहे
है । ये सब हो रहा है इन चाटुकार/दरबारी चमचों की वजह से । ये जनता को कोई ना कोई मुददा
उठाकर गुमराह करते आ रहे है और हग इन लोगों की चालाकी नही समझ ही नही पा रहे है । जब तक राजनीति से परिवार वाद का
सफाया नही होगा तब तक देश का विकास ये लोग होने ही नही देंगें । ये लोग विभिन्न पार्टियों
में भी रहते है और कोई ना पार्टी तो सत्ता में रहेगी ही तो पूरा परिवार सत्ता का
आनन्द लेता है । आज कोई भी पार्टी का या निर्दलयी ही सही काम कराना चाहे तो नही करा
सकता है क्योकि उसे रोकने वालें ज्यादा होतें है । कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह
ने शायद सही कहा था कि देश में चाहे कोई पार्टी आयें कोई काम करा ही नही सकता और हम
देखेगें ये पार्टी कैसे काम कराती है । मै जहा तक नेताओं और लोगों के बारें में समझा
है ज्यादातर 60 % नेताओं और लोगों कों देश
में कुछ भी अच्छा काम करवाया जाय तों उनका नुकसान होगा । तो वे लोग अपना नुकसान क्यों
होने देंगें । वे उस काम को ही नही रूकवा देगें
। यही आम जनता हो समझना होगा ...........जागो
जनता जागों लगातार जारी
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