Monday 7 December 2015

जाम और प्रदूषण

अभी दिल्‍ली सरकार ने जाम और प्रदूषण कम करनें का नया फार्मूला निकाला है कि सम नम्‍बर वाली गाडी तीन दिन चलेंगी और विषम वाली तीन । क्‍या दिल्‍ली सरकार दिल्‍ली की सडकों को फिल्‍म बनानें वालें निर्देशक का मंच समझती है कि जैसे एक निर्देशक चाहता है वैसा वह फिल्‍म में करता रहता है । उसे लागू करने से पहले दिल्‍ली सरकार को कई मापदण्‍ड अपनानें चाहिए जिससे कानून का दुरपयोग न हो :-
1    सम नम्‍बर वालें दिन नियम तोडकर चलने वाली विषम नम्‍बर गाडी का चालान कितना होगा ?
2    एक दम से कानून लगने पर गलत आने वाली गाडियों को कैसे कन्‍ट्रोल किया जाएगा ? क्‍या इन हालातों में लगने वालें जाम से ज्‍यादा परेशानी नही होगी ?
3    इससे तो भ्रष्‍टाचार ज्‍यादा बढेगा क्‍योकि जिसके पास आज सम नम्‍बर की गाडी है वह विषम नम्‍बर की भी खरीदनें के लिए पैसे का घोटाला करेगा या नही और गाडियों की संख्‍या और बढेगी एवं गाडी के नम्‍बरों के लिए काला बाजारी बढेगी,  इसके लिए क्‍या उपाय किये जाएगें ?
4    दिल्‍ली सरकार और केन्‍द्र सरकार के अधिकारियों की सरकारी गाडियों की क्‍या व्‍यवस्‍था होगी ? या फिर जनता को ही ये सब भुगतना पडेगा ?
5    जो लोग गाडी नही ला सकेंगें उनके आने जाने की क्‍या व्‍यवस्‍था की जाएगी ? क्‍योंकि आज जो स्‍थिति है  सरकार इतनी अच्‍छी बसों की व्‍यवस्‍था नही कर पा रही है जो लोगो को परेशानी न हो ।लोग डीटीसी की बसों के  समुचित मात्रा में व सुचारू रूप न चलने के कारण पहले से ही काफी परेशान है ?
6    ये व्‍यवस्‍था क्‍या आटो, आरटीवी, चार्टड बसों पर भी लागू होगी ?
7    दूसरें राज्‍यों से आने वालें वाहनों पर इस नियम का क्‍या असर होगा ?

ये कुछ पोइंट है जो सम और विषम नम्‍बर व्‍यवस्‍था को लागू करनें में कठिनाई पैदा करेंगें । हॉ इनके हल है यदि आप करना चाहोगें तों कर सकते है । जैसें
1    सम नम्‍बर वालें दिन विषम नम्‍बर की गाडी का चालान 2000 रूपयें से कम न हो और कोई सिफारिश न मानी जाये चाहे गाडी किसी की भी हो ।
2    कन्‍ट्रोन हेतु अर्धसैनिको बलों की सहायता ली जाये जो दिल्‍ली ट्रैफिक पुलिस के साथ डयूटी करें ।
3    यदि किसी घर में पहले से गाडी है तों उस घर में गाडी खरीदनें की अनुमति न हो । फिर भी यदि गाडी खरीदनी आवश्‍यक है तो उस परिवार को जो गाडी पहले है उसी आधार पर गाडी का नम्‍बर मिलें, सम है तो सम नम्बर और विषम नम्‍बर है तो विषम नम्‍बर ही मिलेगा, ये आपके कानून में प्रभावशाली प्रावधान होना चाहिए ।
4    आर्मी और एयर फोर्स के अधिकारियों की तरह केन्‍द्र व दिल्‍ली सरकार अधिकारियों के लिए भी बसों का इंतजाम होना चाहिए ।
5    दिल्‍ली में यदि आज की संख्‍या सें तीन गुनी मात्रा में डीटीसी की बसें 24x7 सुचारू रूप से  चला दी जायें तो सम और विषम वाली व्‍यवस्‍था करने की आवश्‍यकता ही नही पडेगी । उदाहरण के लिए जिस रूट पर मेट्रों सेवा है वहा कारों की संख्‍या अन्‍य रूटों से काफी कम है ।  
6    व्‍यवस्‍था सब पर लागू हो ।
7    दूसर राज्‍यों से आने वाले वाहनों की दिल्‍ली में आने जानें की समय सीमा तय हो और चालान को कडा प्रावधान हों ।


यदि दिल्‍ली सरकार सच मुच दिल्‍ली के प्रदूषण और जाम को कम करना चाहती है तो मेंरे पास है ऐसा फार्मूला । और यदि कारों की बिक्री बढानें के उददेश्‍य से और जनता को दिखाने के लिए ये सब कर रही हो तो इसमें क्‍या कहा जा सकता । जागों जनता जागों .......................


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