Wednesday 16 December 2015

शकुरबस्‍ती झुग्‍गी झोपडी काण्‍ड

शकुरबस्‍ती में रेलवे की जमीन पर बसी झुग्गियों के हटानें को लेकर विभ्रिन्‍न दलों के नेता राजनीति करने से बाज नही आ रहे है और जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए झुग्गियों में जाकर तरह तरह की ब्‍यानबाजी कर रहे है जबकि सच्‍चाई की तह तक कोई नही जाना चाहता है । पहले चर्चा नवजात बच्‍ची की मौत पर की जाय ।  शकुरबस्‍ती की झुग्गियों को तोडने के लिए रेलवे की तरफ से तीन नोटिस उन लोगों को खाली करने के लिए दियें गयें थें जिस पर अमल करके वहा के लोगों ने अपना सामान भी समेटना शुरू कर दिया था । सुबह 0800 बजें सामान पैक करने के दौरान बच्‍ची पर सामान की भारी गठरी गिर गयी और 1000 बजे के आसपास बच्‍ची की मौत हो गयी लेकिन हमारें देश के अक्‍लमंद नेताओं ने इसे झुग्गिया गिराने आई पार्टी पर ही मंढ दिया जबकि वे लोग 1130 बजे वहा पहॅुचे थें । क्‍या किसी भी विभाग को अपनी जमीन अपने किसी प्रोजेक्‍ट के लिए खाली नही करानी चाहिए ? झुग्‍गी डालने वालों पर तो देश की राजधानी में सरकारी जमीन पर झुग्‍गी डालने पर चार मुकदमे दर्ज होना चाहिए :
1 सरकारी जमीन पर जबरदस्‍ती अवैध कब्‍जे का मुकदमा ।
2 बिजली चोरी करतें है उसका मुकदमा।
3 पानी चोरी का मुकदमा ।
4 खुले में मल त्‍याग करके व विभिन्‍न प्रकार के ईंधन जलाकर प्रदूषण करते है उसका मुकदमा ।

नेताओं ने अपने वोट बैंक के चक्‍कर में दिल्‍ली को नरक बना दिया है झुग्‍गी झोपडियों में दिल्‍ली के सबसे ज्‍यादा अपराधी रहतें है जिन्‍हे पुलिस भी पकडने से कतराती है । उसके बाद आप नेता ने ब्‍यान दिया कि कांग्रेस और बीजेपी ने कभी झुग्‍गी वालों को कही विस्‍थापित नही किया । ये दिल्‍ली में रहने वालें सभी जानते है कि दिल्‍ली में चार बार झुग्‍गी झोपडी विस्‍तार योजना चली जिसके तहत झुग्‍गी झोपडी हटाने पर उन्‍हे दिल्‍ली के  विभिन्‍न स्‍थानों पर मकान या प्‍लाट आवंटित किये है, जिसके कारण आज दिल्‍ली में 685 से अधिक झुग्‍गी झोपडी कालोनी है  । आप पार्टी के नेता क्‍या ये बता सकते है कि ये झुग्‍गी झोपडी कालोनी किसने और क्‍यों बनाई ? आपकों तो दिल्‍ली के बारें में कुछ नही पता है । इस योजना के तहत मिले मकानों/प्‍लाटों को बिक्री या किरायें पर भी नही दिया जा सकता है यदि ऐसा पाया गया तो मकान/प्‍लाट को सरकार वापस अपने कब्‍जे में ले लेगी, लेकिन 80% लोगों ने उसे पावर आफ अर्टोनी के माध्‍यम से बेच दिया और फिर झुग्‍गी डाल ली, इसीलिए वे बीस बीस साल पुराना एडरेस पुरूफ दिखा पा रहे है ।यदि आप पार्टी मे हिम्‍मत है तो करके दिखाओं सर्वे कि कितने लोग आज उन मकानों/प्‍लाटों में रहते है जो दिल्‍ली सरकार ने उन्‍हे झुग्‍गी के बदले दिये है और यदि जिसको मकान/प्‍लाट दिया गया था वह वहा रहता नही मिलता तो उसे कब्‍जे में लेकर दूसरे किसी झुग्‍गी वालों  को दो । आपने यदि ये करके दिखा दिया तो जितने झुग्‍गी वाले आज दिल्‍ली में है सबकों  मकान मिल जाएगा । ऐसी हिम्‍मत के लिए ही मध्‍यम वर्ग ने आपकों पूर्ण बहुमत से जिताया था लेकिन आप भी वोट बैंक बनाने के लिए झुग्‍गी झोपडी के नाम पर अपने समर्थकों  की चॉदी कटवा रहे है । परन्‍तु आप तो इतिहास के सबसे गिरे हुए  निकलें,  पल में तोला पल में माशा । क्‍या वे नेता  इमानदार या देश के लिए काम करने वालें हो सकते है जो सरकारी जमीनों पर झुग्‍गी डलवाकर कब्‍जा करने वालों का समर्थन करतें है ? क्‍या वे ये झुग्‍गी अपने मकानों के पास गिरवा सकतें है । ये नेताओं की सोची समझी चालों के तहत ही किया जाता है नही तों राजधानी जैसी जगहो में झुग्‍गी कैसे और  क्‍यों कर  पडती । आज दिल्‍ली में झुग्‍गी झोपडी और उनका ही साहरा ले‍कर भूमाफियों ने दिल्‍ली की १५ हजार हेक्‍टेअर से ज्‍यादा भूमि पर कब्‍जा किया हुआ है जिसे कोई भी संगठन या जिसकी जमीन है छुडवानें पर ये नेता इसी तरह की राजनीति करते है सबकों कुर्सी चाहिए इनकी तरफ से कोई मरों या जीओं । दिल्‍ली में केवल डीडीए की ही 8 हजार हेक्‍टेयर से ज्‍यादा भूमि पर भूमाफिया नेताओं और झुग्‍गी झोपडीवालों ने कब्‍जा कर रखा है । सारें कब्जे नेताओ के इशारों पर ही हुए है । जागों जनता जागों .................

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