Monday 7 December 2015

विधायकों का वेतन

ये उन्‍ही  समाज सेवकों से बनी सरकार है  जो जनता के सामने आम आदमी होने का नाटक करते थें वही लोग आज पी एम से ज्‍यादा अपने वेतन पर मेज बजाकर बिल पास कर  रहे है । जिस बिल को पास करवाना होता  है उस में तो एल जी की सहमति लेते है और जिसे जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए लटकाना होता है उसे एल जी की बिना सहमति के पेश करते है ज्‍यादा पढा लिखा होने का यही तो फायदा है । केजरीवाल जी क्‍या जनता को बता सकते है कि जिस बिल पर दिल्‍ली को छोडकर पी एम बनने निकले थें उसी बिल को पास करनें में आपकों क्‍या परेशानी थी जो उसमें इतने संशोधन कर दियें ? केजरी वाल जी जनता से आपने जो मॉगा वो जनता ने आपकों दिया लेकिन आपने जनता कों क्‍या दिया ? जाम से त्रस्‍त, बदबू और गन्‍दगी से भरी दिल्‍ली । आपने अपनी खॅासी ठीक करके लोगों को खॅासी कर दी । आप जनता कों दिखानें के लिए जनता से प्रदूषण कम करनें के उपाय बतानें वालें को दो करोड रूपयें देने वाले है ऐसा कहकर जनता को गुमराह क्‍यों कर रहे है ? मै बताउ आपकों उपाय । यदि हिम्‍मत है तो करके दिखाना । ये उपाय करने में  सिर्फ हिम्‍मत की ही जरूरत है आप उसे करना चाहे तो कर सकते है लेकिन आप करेंगें ही नही क्‍योंकि आपकी मनोदशा जनता के लिए काम करनें की है ही नही । आपकों तो सिर्फ बहानें बनाकर  इस बेसहारा जनता को गुमराह करने में ही मजा आता है ।  सच्‍चे कमेंटस लिखने वालों को कहा तक अपनी साइड पर कमेटस लिखने से ब्‍लाक करोंगों हम तो फेसबुक पर भी सच्‍चें कमेंटस लिख सकते है  दम है तो वहा से भी कमेटस लिखनें से ब्‍लाक कर दों आपने अब तक 112 लोगों को अपनी साइड पर सच्‍चेंकमेंटस लिखनें सें ब्‍लाक किया है क्‍या उनकी आवाज कों आप दबा दोंगे । हिम्‍मत थी तो लिखें गयें कमेंटस का जवाब देते । जनता के  सच्‍चे सवालों से कहा तक बचोंगें  ......जागों जनता जागों......................................


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