Thursday, 10 December 2015

आजतक नेताओं के दोहरे मापदण्‍उ

सम और विषम गाडियों के परिचालन में महिलाओ को दी जाने वाली छूट के सन्‍दर्भ में 
हमारे देश के नेताओ के दोहरे मापदण्‍डों के कारण आज तक हम विकसित देशों की श्रेणी में नही आ सके । इसका मूल कारण है जनता जिस भी नेता पर विश्‍वास करती है वही गददारी करता है । नेता अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपने 20 % वोट बैंक के चक्‍कर में 80% जनता को भूल जाता है आज चारों तरफ जो महौल बन गया है ये उसी सोच का नतीजा है । यदि एक कानून इस देश में रहने वालें सभी लोगों के लिए एक हो तो उस कानून की या योजना की अहमियत होती है, लेकिन नेता हर योजना में दोहरे माप दण्‍ड अपनाते है इतिहास में इस तरह के उदाहरण भरें पडें है और आज उसी का खामयाजा देश की केवल 80 % जनता भुगत रही है । ताजा उदाहरण :-

1 दिल्‍ली में हेलमेट लगाना सभी के लिए लागू किया गया लेकिन सरदारों और उनकी औरतों को छूट दे दी गयी और गुमराह किया गया कि धर्म मे नही है वही सरदार जब क्रिकेट खेलता है और हेलमेट लगाता तब क्‍या धर्म्‍ में लिख जाता है ?

2 जब रक्षाबन्‍धन या भैया दूज का पर्व होता है तो महिलाओं के लिए फ्री यात्रा कर दी जाती है जब संविधान में बराबरी का दर्जा मिला है तब ये भेद भाव क्‍यों ?
और अब सम और विषम नम्‍बरों की गाडियों के परिचालन में भी वही दोहरा मापदण्‍ड । क्‍या महिलाओं के गाडी चलाने से गाडिया जाम नही लगायेगी या प्रदूषण नही फैलाएगी ? नेता लोग ये सब हत्‍थकण्‍डे सहनुभूति बटोरनें के लिए और कानून या योजना को कमजारे करने के लिए  अपनाते है । केजरीवालजी ने  योजना को शुरू करने से पहले ही फेल कर दिया है । ये सब कमीशन का ही चक्‍कर है बाकि कुछ नही । वह चाहते ही नही कि दिल्‍ली जाम व प्रदूषण रहित हो । वे तो जनता को ड्रामा दिखा रहे है । वरना जिसके कारण जाम और प्रदूषण फैल रहा है उसका कुछ तो हल करते ।
ऐसा ही पिछली सरकार ने बीआरटी बनवाकर किया था । बीआरटी को इस ढंग से बनाया गया कि वों फेल ही हो, और पैसा भी कमाया जा सके और फिर उसें तोडने में भी पैसा कमाया जा सके । ये नेताओं के सोचे समझें प्‍लान है । यदि दिल्‍ली सरकार में हिम्‍मत है तो मेंरें पास है फुलपुरूफ प्‍लान । मेरा प्‍लान तार्किक रूप से दिल्‍ली के लिए हर तरह से फिट है उसे सिवाय नेताओं के कोई नही नकार सकता क्‍योकि आज तक नेताओ ने चाहा ही नही कि जनता को कोई सहूलियत मिले । दिल्‍ली की सारी जनता को ये प्‍लान पसन्‍द आयेगा और दिल्‍ली का जाम और प्रदूषण नदारद हो जाएगा । दिखाओं हिम्‍मत करों, मेरें प्‍लान पर अध्‍ययन । मै पिछलें साल से लगातार जाम और प्रदूषण के बारें में लिख रहा हॅू लेकिन सरकार का मामूली सा ध्‍यान इस तरफ गया तो लेकिन वो भी इससें फायदा उठानें के लिए नाकि इसे रोकने के लिए ।
गडगरी साहब एक दिन जाम में फसें तों तिलमिला गयें लेकिन उस जनता का सब्र देखिए जो रोज इस जाम और प्रदूषण कों झेल रही है । गडगरी साहब के पास तो चलाने के लिए चालक और एसी गाडी थी फिर भी होश खो बैठे लेकिन जिसके पास ये कुछ नही है और वह रोज इस जाम में फसता है तो उसका हाल क्‍या होता होगा ।  जागों जनता जागों ................................


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